सीतामढ़ी: आशा घर घर जाकर कालाजार रोगियों की करेंगी तलाश, लोगों को करेंगी जागरूक
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घर-घर हो रही कालाजार रोगियों की तलाश, जागरूक करने आशा जा रहीं लोगों के पास
–257 आशा एवं 107 आशा फैसिलिटेटर(Asha Facilitator) की टीम ने क्षेत्र में संभाली अभियान की बागडोर
– जिले के 16 प्रखंडों के 194 कालाजार(Kala-azar) प्रभावित गांवों में घर-घर हो रही कालाजार रोगी की खोज
सीतामढ़ी: जिले में कालाजार रोगियों की खोज को लेकर सघन अभियान चलाया जा रहा है। 257 आशा एवं 107 आशा फैसिलिटेटर की टीम ने जिले के 16 प्रखंडों में इस मुहिम की कमान थाम ली है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रवींद्र कुमार ने बताया कि टीम वर्क के जरिये इस बीमारी के उन्मूलन पर लगातार जागरूक किया जा रहा है। विभाग के निर्देशानुसार घर-घर कालाजार रोगियों का खोज अभियान चलाना है। इसके लिए सभी आशा को प्रशिक्षित कर क्षेत्र में भेज दिया गया है। मंगलवार को नौ प्रखंडों में अभियान की शुरुआत की गई और बुधवार को ललबंदी, सोनबरसा, जैतपुर, पुपरी, शरीफपुर और कोइली सहित जिले के सभी 16 प्रखंडों के गांवों में कालाजार रोगियों का खोज अभियान और जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है।
सभी आशा को दिया गया है प्रशिक्षण :
डॉ रवीन्द्र ने बताया कि 25 अगस्त से कुल 194 कालाजार प्रभावित गांवों में घर-घर कालाजार रोगियों की खोज शुरू करनी थी। इसके लिए प्रखण्ड स्तर पर भी बीडी ( BD)पर्यवेक्षक(supervisor) और कालाजार प्रखण्ड समन्वयक द्वारा सभी आशा को प्रशिक्षण दिया गया है। सर्वे के लिए प्रिंटेड पंजी विगत खोज अभियान ( प्रथम चक्र) के समय ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। रेफरल पर्ची( Referral slip) एवं फ्लैक्स भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है। क्षेत्र में प्रखण्ड स्तर पर माइक से प्रचार-प्रसार तथा पर्यवेक्षण कराने के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निदेशित किया जा चुका है ।
दो साल पहले पूरा हो चुका है लक्ष्य :
डॉ रवीन्द्र ने बताया कि सीतामढी जिला दो साल पहले ही वर्ष 2018 में कालाजार उन्मूलन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है, जबकि वर्ष 2020 तक लक्ष्य को प्राप्त करने की समय सीमा थी। बाढ़ग्रस्त इलाका जैसी चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति के बावजूद समय से पहले लक्ष्य हासिल करने के लिए कई अनूठी पहल कालाजार उन्मूलन में हथियार बने। सामुदायिक सहभागिता, खेल-खेल में स्कूली बच्चों के अंदर व्यवहार परिवर्तन का प्रयास, जागरूकता संदेश और सबसे बड़ी बात लक्ष्य हासिल करने की जीजिविषा ने बड़ी सफलता का मार्ग प्रशस्त किया।
सरकार द्वारा रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता :
डॉ रवीन्द्र ने बताया कि कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4000 रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है।
रिपोर्ट : अमित कुमार