सीतामढ़ी : जेई वाहकों को टटोलने की कोशिश में पटना और सीतामढ़ी की संयुक्त मेडिकल टीम.. कीटाणुओं को पकड़ने के लिए लगाए गए लाई ट्रैप जाल
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पटना और सीतामढ़ी के मेडिकल टीम ने संयुक्त रूप से की जेई वाहकों को टटोलने की कोशिश
– प्रभावित मरीजों के घर के आसपास के नमूनों को किया एकत्र
– कीटाणुओं को पकड़ने के लिए लगाए लाइट ट्रैप जाल
सीतामढ़ी 25 मई : जापानी इनसेफलाइटिस (Encephalitis) के वेक्टर सर्विलांस हेतु पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के अध्ययन हेतु राज्य स्वास्थ्य (Health) समिति के तत्वावधान में गठित आई सी एम आर (आरएमआरआईएमएस ,पटना) (RMRIMS) ,एनसीडीसी, (NCDC) तथा भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की संयुक्त टीम जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी डा रवीन्द्र कुमार यादव के नेतृत्व में सोमवार को रूननीसैदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अन्तर्गत टिकौली ग्राम का अध्ययन किया ।
विदित हो कि उक्त गाँव में वर्ष 2019 में एक बच्ची जापानी इनसेफलाइटिस के चपेट में आ गयीं थीं जिसका सफल ईलाज श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय में किया गया आज टीम ने सर्वप्रथम उक्त बच्ची एवं उनके परिवारजनों से आवश्यक जानकारी ली, उनके घर, तथा आसपास के घरों के प्रकार, रहन सहन, पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी संबंधित जानकारी एकत्रित की और जलकुम्भी युक्त तालाबों तथा चापाकल के पास जमे जल का नमूना एकत्र किया और एक बाँसबारी सहित चार घरों में लाईट ट्रैप लगाया ताकि मच्छरों व कीटाणुओं को ट्रैप कर अध्ययन किया जा सके ।
घरों की स्थिति बहुत ही कमजोर पाया गया ।अर्धनिर्मित 3 कमरे के प्रधानमंत्री आवास में 7बच्चों सहित 9व्यक्ति रह रहे हैं ।लोग मवेशियों के साथ एक घर में भी रह रहे हैं ।
घर के आस-पास व गाँव में छोटे छोटे तालाबनुमा गड्ढे है जिसमें अभी भी जलजमाव व जलकुम्भी हैं।बरसात में जलजमाव और भी अधिक हो जाता है ।टीम ने जे ई/एईएस वार्ड व एम्बुलेन्स की स्थिति का भी जायजा लिया । टीम एक सप्ताह तक इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रिपोर्ट समर्पित करेगी ।
टीम में ये सभी शामिल थे-
डा दिवाकर सिंह दिनेश , आर एम आर आई (RMRI)
एस कोस्टो , एन्टोमोलोजिस्ट (Entomology stand)
श्री मधुसूदन चतुर्वेदी, कन्सलटेन्ट ,एन सी डी सी, (NCDC) पटना
श्री रोहित कुमार, कीट संग्रहक, एन सी डी सी
श्री अशोक कुमार, कीट संग्रहक, आर ओ एच एफ (RoHF)
डा रवीन्द्र कुमार यादव, जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी,सीतामढी
सम्मिलित थे ।
अगर आपके बच्चे में चमकी बीमारी के लक्षण दिखें तो सबसे पहले बच्चे को धूप में जाने से रोकें.
बच्चा तेज
धूप के संपर्क में आया तो उसे डिहाईड्रेशन की समस्या होगी, जिससे बीमारी की गंभीरता बढ़ती है.
बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं.
गर्मी के समय बच्चों को ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं.
रात में बच्चों को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाएं.
चीनी-नमक का घोल, छाछ, शिकंजी के अलावा तरबूज, खरबूज, खीरे जैसी चीजों का खूब सेवन करें.
रिपोर्ट : अमित कुमार