सीतामढ़ी : कालाजार छिड़काव औऋ एईस को लेकर हुई समीक्षा बैठक.. एईस पर जागरुकता फैलाने पर दिया गया जोर
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सीतामढ़ी : जिला भीबीडी नियंत्रण कार्यालय में सोमवार को जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा रवीन्द्र कुमार यादव की अध्यक्षता में कालाजार नियंत्रणार्थ चलाये जा रहे एसपी छिड़काव की साप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सामाजिक दूरी एवं मास्क का उपयोग किया गया था। कालाजार में अबतक के छिड़काव की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए डॉ रविन्द्र ने सभी भीबीडीएस , केबीसी तथा छिड़काव कर्मीगण के काम की सराहना की और आगे भी इसी तरह कार्य करते रहने हेतु अनुरोध किया ।
अब तक 13 कार्य दिवस में 63 दलों द्वारा 38 गाँव के 55681घरों के 296391 जनसंख्या को आच्छादित किया गया है ।छिड़काव के साथ साथ ये दल कोरोना तथा मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम हेतु जागरूकता संदेश भी देते हैं ।
एईएस प्रभावित प्रखंडों को मिला एम्बुलेंस
डा यादव ने सभी से अनुरोध किया है कि मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम हेतु जरूरी है कि बच्चों को रात में बिना भोजन किए नहीं सोने देना है और चमकी होने पर बिना समय गंवाये 4 घंटे के अन्दर ही बच्चे को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचाना है ताकि उसका ससमय उपचार किया जा सके ।इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति से चार प्रभावित प्रखण्डों रुन्नी सैदपुर, सोनबरसा, डुमरा एवं नानपुर,में अतिरिक्त एम्बुलेन्स भी उपलब्ध कराया गया है ।
चमकी बुखार के निम्न लक्षण देखे गए हैं।
1. मिर्गी जैसे झटके आना (जिसकी वजह से ही इसका नाम चमकी बुखार पड़ा)
2. बेहोशी आना
3. सिर में लगातार हल्का या तेज दर्द
4. अचानक बुखार आना
5. पूरे शरीर में दर्द होना
6. जी मिचलाना और उल्टी होना
7. बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना और नींद आना
8. दिमाग का ठीक से काम न करना और उल्टी-सीधी बातें करना
9. पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
10. चलने में परेशानी होना या लकवा जैसे लक्षणों का प्रकट होना।
ऐसे करें बचाव
1. बच्चों को रात में अच्छी तरह से खाना खिलाकर सुलाएं। खाना पौष्टिक होना चाहिए।
2. बच्चों को खाली पेट लीची न खाने दें। अधपकी लीची का सेवन कदापि न करने दें।
3. बच्चे को रात के खाने में मीठा जरुर दें
4. बच्चों को धूप में न निकलने दें
5. बच्चे को कभी भी रात में भूखे पेट न सोने दें
रिपोर्ट : अमित कुमार