युवाओं-बच्चों ने लिया संकल्प, नहीं छोड़ेंगे पटाखा
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बिना पटाखों के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पर्व मनाने का लिया संकल्प
शिवहर :कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर युवाओं और बच्चों ने दिवाली का त्यौहार बिना पटाखों के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाने का संकल्प लिया है। बच्चे अपने अभिभावकों से इस दिवाली पटाखा नहीं लाने की अपील कर रहे हैं। बच्चों का कहना है कि ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बीमारी बढ़ाने का कारण बन सकती है। खासकर कोविड-19 संक्रमित मरीज और हाल ही में इससे उबरे मरीजों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
सर्दियों में बढ़ता है प्रदूषण, पशु-पक्षियों को परेशानी
अंकुर आनंद ने कहा कि ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ता है। ऐसी स्थिति में वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। दिवाली में पटाखे जलने से वायु प्रदूषण और बढ़ेगा, इसलिए पटाखा नहीं जलाने का निर्णय लिया है। वहीं अंशुमान ने कहा कि पटाखों के शोर से बेजुबान पशु और पक्षियों को भी परेशानी होती है। रोशन के त्योहार का मतलब खुशियां बांटना होता है। किसी को दुख पहुंचाना नहीं। अब इसका पालन करने की ठानी है।
वरिष्ठ नागरिकों को पटाखों के शोर से परेशानी होती
अमित कुमार ने कहा कि थोड़ी देर के मजे के लिए पूरी प्रकृति और अपने आसपास रहने वाले दादी-दादा या वरिष्ठ नागरिकों को पटाखों के शोर से परेशान करना ठीक नही है। दिवाली रोशनी का त्यौहार है, पूरा ध्यान रोशनी फैलाने पर है। दिवाली पर पटाखे नहीं जलाने का संकल्प लिया है। वह अपने परिवार के साथ रिश्तेदारों को भी पटाखा फ्री दिवाली के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कोरोना के संकट में एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।
त्यौहार में इन बातों का ध्यान रख कोविड19 से बचा जा सकता है
– सार्वजानिक स्थानों पर लोगों से दूरी बनाएं
– कम से कम दो मास्क रखें। घर में बनाए गए मास्क को समय समय पर धुलते रहें
– अपनी आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें
– हाथों को नियमित रूप से साबुन एवं पानी से अच्छी तरफ साफ करें
– आल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाइजर
का इस्तेमाल करें
– तंबाकू, खैनी आदि का प्रयोग नहीं करें, ना ही सार्वजानिक स्थानों पर थूकें
रिपोर्ट : अमित कुमार