एएनएम को प्रत्येक 15 दिनों पर मिल रहा प्रशिक्षण
2 min read– उपयोग में आने वाले उपकरण को संचालित करने का मिला प्रशिक्षण
– Training to operate the equipment used
मुजफ्फरपुर। 2 जुलाई
साहेबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चमकी पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर काफी सजग दिख रहा है। जिसके लिए यहां एईएस वार्ड में कार्यरत एएनएम को प्रत्येक 15 दिनों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गुरुवार को भी सीएचसी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ओमप्रकाश और केअर बीएम अमलेश कुमार के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 11 एएनएम ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान डॉ ओमप्रकाश ने सभी एएनएम को एईएस के दौरान उपयोग में आने वाले उपकरणों जैसे ग्लुकोमीटर , ऑक्सिजन के साथ अन्य उपकरणों के संचालन की जानकारी दी। उन्होंने कहा जब कोई मरीज आये सबसे पहले उसके ग्लूकोज़ का लेबल जांचना जरूरी है।
केयर के बीएम अमलेश कुमार ने उपयोग में आने वाले कैथेटर, स्लाइन, नीडल, दवा के प्रबंधन के बारे में बताया ताकि मरीज के उपचार में समय का सदुपयोग हो।
डॉ ओमप्रकाश ने बताया इस बार मात्र एक बच्चा एईएस से पीड़ित हुआ है, जो अब बिल्कुल स्वस्थ है। आरबीएसके के डॉ के द्वारा उसका फोलो अप भी किया जा रहा है। प्रशिक्षण में एमओआईसी डॉ ओमप्रकाश , केअर बीएम अमलेश कुमार के अलावे अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
एईएस के लक्षण
-तेज बुखार
-शरीर में ऐंठन
-बेहोशी
-दांत बैठना
-शरीर में चमकी आना
-चिकोटी काटने पर कोई हरकत नहीं
-सुस्ती व थकावट
लक्षण दिखे तो ये करें
-तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ठंडे पानी से पोछें, मरीज को हवादार जगह में रखें।
-शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करें।
-यदि बच्चा बेहोश न हो तो ओआरएस या नींबू, चीनी और नमक का घोल दें।
-बेहोशी या चमकी की अवस्था में शरीर के कपड़ों को ढीला करें।
-मरीज की गर्दन सीधी रखें।
लक्षण दिखे तो ये ना करें
-मरीज को कंबल या गरम कपड़े में न लपेटें।
-बच्चे की नाक नहीं बंद करें।
-बेहोशी या चमकी की स्थिति में मुंह में कुछ भी न दें।
-झाड़-फूंक के चक्कर में समय न बर्बाद करें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं।