पटना: उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए कई निर्देश, पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर स्क्रीनिंग की जताई आवश्यकता
1 min readमुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यो की उच्चस्तरीय समीक्षा की, मुख्यमंत्री के निर्देश
पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर अन्य राज्यों से आये बिहार के लोगों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग में अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उनकी स्क्रीनिंग करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की टेस्टिंग अवश्य करें। साथ ही वृद्धजन, गर्भवती महिलाओं की भी टेस्टिंग की आवश्यकता है क्योंकि उनमें संक्रमण से खतरा अधिक है।
अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिये निजी अस्पताल एवं निजी क्लिनिक/नर्सिंग होम का संचालन भी सुचारू रूप से हो।
सभी जिलों एवं चिन्हित स्वास्थ्य संस्थानों में टेस्टिंग की अधिकाधिक व्यवस्था सुनिश्चित करायें। प्राप्त नये उपकरणों के माध्यम से टेस्टिंग में और तेजी लायी जाय।
चूॅकि अब राज्य के बाहर के काफी लोग वापस आ चुके हैं और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है इसलिये चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ-साथ प्रोटोकाॅल के अनुरूप आइसोलेशन वार्डस एवं बेड्स की संख्या बढ़ायी जाय।
जो लोग क्वारंटाइन सेंटर पर क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरी कर या अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर जा रहे हैं, उनके प्रति सकारात्मक रहें।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। जागरूकता अभियान में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें। कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं है इसलिये सचेत एवं सतर्क रहें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझना होगा। लोग धैर्य बनाये रखें, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ-साथ मास्क का निश्चित रूप से प्रयोग करें। सरकार द्वारा लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है। लोगों के सहयोग से ही हम सब इस महामारी से निपटने में सफल होंगे।
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ कोविड-19 से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यो की उच्चस्तरीय समीक्षा की।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से आये बिहार के लोगों की पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायी जा रही है। इस दौरान अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उनकी स्क्रीनिंग करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की टेस्टिंग अवश्य करें। साथ ही वृद्धजन, गर्भवती महिलाओं की भी टेस्टिंग की आवश्यकता है क्योंकि उनमें संक्रमण से खतरा अधिक है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों एवं चिन्हित स्वास्थ्य संस्थानों में टेस्टिंग की अधिकाधिक व्यवस्था सुनिश्चित करायें। साथ ही प्राप्त नये उपकरणों के माध्यम से टेस्टिंग में और तेजी लायी जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिये निजी अस्पताल एवं निजी क्लिनिक/नर्सिंग होम का संचालन भी सुचारू रूप से हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूॅकि अब राज्य के बाहर के काफी लोग वापस आ चुके हैं और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है इसलिये चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ-साथ प्रोटोकाॅल के अनुरूप आइसोलेशन वाडर््स एवं बेड्स की संख्या बढ़ायी जाय। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुये कहा कि जो लोग क्वारंटाइन सेंटर पर क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरी कर या अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर जा रहे हैं, उनके प्रति सकारात्मक रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि अधिकाधिक लोग जागरूक हो सकें। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुये कहा कि कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं है इसलिये सचेत एवं सतर्क रहें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझना होगा। लोग धैर्य बनाये रखें, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ-साथ मास्क का निश्चित रूप से प्रयोग करें। सरकार द्वारा लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से ही हम सब इस महामारी से निपटने में सफल होंगे .
रिपोर्ट :राजू राज