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सुविधाओं के बीच मुकम्मल रहीं तैयारियां, पीएचसी में खूब गूंजी किलकारियां

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लॉकडाउन में भी जंदाहा पीएचसी में निर्बाध मिलती रही संस्थागत प्रसव की सुविधाएं

– जून से अगस्त तक संस्थागत प्रसव में पिछले वर्ष से हुई है बढ़ोतरी

वैशाली : कोरोनावायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन हो चुका था। ऐसे में प्रसव का विषय समाज के लिए गंभीर मुद्दा था। इन विषम परिस्थितियों में भी वैशाली जिले के जंदाहा पीएचसी(Jandaha PHC) की सेवा ने जो नजीर पेश की है वह यहां के प्रसव के आंकड़ों से बयां होते हैं, बल्कि पिछले वर्ष की तुलना में प्रसव के आंकड़े जून माह से और बढ़ ही गए हैं। जो संस्थागत प्रसव में जिला के लिए गर्व की बात है। इस संबंध में यहां के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बी झा बिंदु कहते हैं कि प्रसव की सुविधा यहाँ पहले से ही अनवरत चल रही है। कोरोना काल में संस्थागत प्रसव को जारी रखने के लिए रोस्टर के अनुसार कार्य किया गया ताकि यहां डॉक्टर और नर्स अपनी सेवा यहां दे पाएं साथ ही संक्रमण से बचने के लिए लगातार सेनेटाइज(sanitization ) का ध्यान भी रखा गया। वहीं इस कड़ी में मुख्य भूमिका प्रखंड की आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी जाता हैं जिन्होंने विषम परिस्थिति में भी लोगों को संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूक किया तथा इसके लिए भरोसा दिलाया।

लॉकडाउन की अवधि में हुए हैं 2514 प्रसव
डॉ. बी झा बिंदु ने बताया, वर्ष 2020 के अप्रैल से अगस्त तक में कुल 2514 संस्थागत प्रसव हुए हैं। इस वर्ष अप्रैल में 310, मई में 345, जून में 355, जुलाई में 564 तथा अगस्त में 608 प्रसव हुए हैं। जिसमें वर्ष 2020 में जून से अगस्त के आंकड़े पिछले वर्ष 2019 के जून से अगस्त तक के आंकड़ों से 89 ज्यादा है। यह यहां बढ़े हुए संस्थागत प्रसव के लिए लोगों में आई जागरूकता को दर्शाता है।

प्रसव रुम में मौजूद हैं सुविधाएं
जंदाहा पीएचसी में कार्यरत एएनएम सुलेखा कुमारी ने बताया, इस पीएचसी में सामान्य प्रसव की सारी सुविधाएं मौजूद है। वहीं यहां चौबीसों घंटे एम्बुलेंस, डॉक्टर व नर्स की मौजूदगी प्रसव की संख्या को गिरने नहीं देती है। लॉकडाउन में हमने जितना ध्यान कोरोना संक्रमण के बचाव में दिया, समान ध्यान और सुविधाएं संस्थागत प्रसव के लिए भी दी गयी। यहां ऑटो क्लेव मशीन की व्यवस्था है। जिससे उपकरणों को विसंक्रमित किया जाता है। प्रसव कक्ष है। कंगारु मदर केयर के लिए जगह है। यहां प्रसव पूर्व जांच (एएनसी)(ANC) की भी व्यवस्था है।

नवजात के लिए है विशेष प्रबंध
केयर के बीएम राजेश रंजन कहते हैं कि नवजात के जन्म के समय तापमान को स्थिर रखना होता है जिसके लिए रेडियंट वार्मर एनआइसीयू वार्ड में मौजूद है। वहीं शक्सन मशीन, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर भी यहां मौजूदगी है। यह सभी सुविधाएं जन्म के समय किसी बच्चे की जान बचाने के लिए उपयोगी सिद्ध होती हैं।

रिपोर्ट : अमित कुमार