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जनसंख्या पर रोक के लिए एएनएम को मिला प्रशिक्षण

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परिवार नियोजन अभियान के तहत हुई एमपीए(MPA) की ट्रेनिंग
 गर्भ निरोधक सुई, कन्डोम, कॉपर टी व अन्य संसाधनों की दी गई जानकारी

मोतिहारी : बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में सोमवार को एमपीए की ट्रेनिंग केयर इंडिया व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से आयोजित हुई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गर्भधारण से बचने के लिए गर्भ निरोधक सुई, कॉपर टी, कंडोम सहित अन्य सावधानी बरतने की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक प्रखंड के एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों सहित 30 लोगों का चयन कर प्रशिक्षित किया गया।

जोर-शोर से चल रहा परिवार नियोजन कार्यक्रम
डीसीएम नन्दन झा ने बताया कि एमपीए किसे और कब देना है? इसके क्या संभावित दुष्परिणाम एवम भ्रांतियां है, इसकी जानकारी प्रशिक्षण में दी गई। वहीं किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर बचने के लिए किस प्रकार उपचार करना है इसकी जानकारी दी गई। जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम काफी जोर-शोर से चल रहा है। केयर इंडिया की टीम स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रही है। एएनएम के प्रशिक्षण में डॉ रश्मि श्री, डॉ आरके वर्मा, जिला सांख्यकी व अनुश्रवण पदाधिकारी विनय कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीटीएल अभय भगत, अरविंद सिंह, मनीष भारद्वाज, राणा फ़िरदौस सहित कई लोग उपस्थित रहे।

दो बच्चे के बीच 3 साल का अंतराल जरूरी
डीसीएम नन्दन झा ने बताया कि जिले के सभी जीएनएम व एएनएम को बुलाकर जिला स्वास्थ्य समिति में लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि समाज में जागरूकता फैल सके और जनसंख्या पर नियंत्रण हो सके। उन्होंने कहा कि दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहना जरूरी है। तीन साल का अंतराल रहने से बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है, जिससे वह भविष्य में किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है। इसके अलावा मां भी स्वस्थ रहती है। मां पर भी किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है।

जिलेभर में की जा रही है माइकिंग
केयर इंडिया के अभय कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन को लेकर जिले भर में माइकिंग कराई जा रही है। ई-रिक्शा के जरिए लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। जिले के सभी प्रखंडों के सभी गांव में प्रचार-प्रसार को पहुंचाने का लक्ष्य है। 31 मार्च तक संचार अभियान चलेगा और हमलोग लक्ष्य को पा लेंगे ऐसी उम्मीद है।

अस्थाई संसाधनों पर दिया जा रहा है जोर
अभय कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम के दौरान परिवार नियोजन के अस्थाई संसाधनों पर जोर दिया जा रहा है। लोगों को अधिक से अधिक कंडोम के इस्तेमाल करने के लिए बताया जा रहा है। साथ ही छाया और कॉपर- टी का इस्तेमाल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह परिवार नियोजन के अस्थाई और सुरक्षित संसाधन हैं।

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल

व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें।
– बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
– हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
– छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके।
– घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
– आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें।

रिपोर्ट : अमित कुमार