कोरोना को मात देने में बड़ा अस्त्र साबित होगा तम्बाकू मुक्त जिला बनाने का अभियान
1 min readतम्बाकू (tobacco) सेवन पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिले में छापेमार दल रख रहा नजर
– इसी महीने जिले को किया जा चुका है धूम्रपान मुक्त घोषित
सीतामढ़ी : ‘ जिंदगी चुनो, तम्बाकू नहीं’ का नारा जिले में सफलता की पहली सीढ़ी पार कर अब अगले पड़ाव की ओर बढ़ चुका है। इस माह की पहली तारीख को जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित करने के दौरान एक नया संकल्प लिया गया। अब पूरे जिले को तम्बाकू मुक्त बनाना है। एसीएमओ डॉ सुरेंद्र कुमार चौधरी के मुताबिक यह संकल्प भविष्य में तो सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में कारगर साबित होगा ही, मौजूदा समय में कोरोना को मात देने में बड़ा हथियार साबित होगा। जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित करने के दौरान ही सबसे शपथ दिलाई थी कि धूम्रपान के बाद अब हमलोगों को जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। इसके लिए जनजागरूकता का अभियान जोर पकड़ चुका है।
छापामार दस्ते के सदस्य रख रहे नजर :
जिले में तम्बाकू नियंत्रण के नोडल बनाए गए डॉ सुनील कुमार सिन्हा अभियान को सफल बनाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित छापामार दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाते हुए नियमित रूप से छापेमारी करने का निर्देश दिया है। अब जिले में सार्वजनिक स्थलों जैसे- सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक सड़क, शिक्षण संस्थानों, कार्यालयों सहित अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना एक दंडनीय अपराध है।
तम्बाकू सेवन करने वालों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा जोखिम :
डॉ सुरेंद्र बताते हैं कि धुआंरहित तंबाकू उत्पाद जैसे गुटखा,(gutkha) पान मसाला, पान, सुपारी आदि चबाने से ज्यादा लार बनता है, इस वजह से थूकने की जरूरत महसूस होती है। सार्वजनिक जगहों पर थूकने से कोरोना संक्रमण(corona infection) के मामले बढ़ सकते हैं। तंबाकू चबाने वालों में मुख्य रूप से गैर संचारी रोग जैसे- कैंसर, फेफड़े की गंभीर बीमारी और मधुमेह का सबसे अधिक खतरा होता है। इसी तरह कोरोना वायरस इन बीमारी वाले लोगों को सबसे जल्दी अपनी जकड़ में लेता है। ऐसे में कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद तंबाकू चबाने वालों में गंभीर श्वसन संक्रमण रोग होने का खतरा रहता है। समय पर उपचार नहीं मिलने से उनकी मौत भी हो सकती है।वहीं धूम्रपान फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इससे इम्यूनिटी कमजोर होती है। शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
रिपोर्ट : अमित कुमार