कुपोषण को जड़ से समाप्त करने में सामूहिक सहभागिता जरुरी
2 min read– समाहरणालय सभागार में पोषण परामर्श केंद्र का लगा स्टॉल
– जिला स्तरीय अभिसरण बैठक में हुई पोषण के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा
वैशाली । पोषण अभियान (Nutrition campaign) के अंतर्गत निर्धारित समय – सीमा के अंदर कुपोषण की दर को कम करने की दिशा में लक्षित परिणाम के उद्देश्य से जिला प्रोग्राम शाखा की ओर से मंगलवार को समाहरणालय के प्रांगण में पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की गई। परामर्श केंद्र का उद्घाटन करते हुए एडीएम जीतेन्द्र प्रसाद साह ने कहा कि जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए सामूहिक सहभागिता जरुरी है। आम जनों में पोषण के प्रति नजरिया व उनका रोजाना की व्यवहार में बदलाव लाने के उद्देश्य से ही पोषण माह के अंतर्गत पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है। वहीं आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माला कुमारी ने कहा कि पोषण परामर्श केंद्र की मदद से माता-पिता अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार व बच्चों के कुपोषण की स्थिति की जानकारी भी ले सकती हैं । जिले से पोषण को मिटाने के लिए जन-जन तक जानकारी दी जाएगी।
गोदभराई दिवस(Baby shower day) का हुआ आयोजन: पोषण अभियान के तहत सीडीपीओ कार्यालय में गोदभराई उत्सव का आयोजन किया गया। मंगल गीतों के साथ गर्भवती महिला को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल (Jaggery, gram, green leafy vegetables, iron tablets, nutrition and fruits)आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भेंट की गयी, जिसमें सतरंगी थाली व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोद भराई की रस्म पूरी की गई।
जिला स्तरीय अभिसरण समिति की हुई बैठक :
पोषण को लेकर एडीएम जीतेंद्र प्रसाद साह की अध्यक्षता में समाहरणालय में मंगलवार को जिला स्तरीय मिटिंग हुई जिसमें केयर के डीटीएल सुमित कुमार ने पीपीटी के माध्यम से जिले में पोषण के महत्वपूर्ण बिंदुओं और आंकड़े को पीपीटी के माध्यम से बताया। उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्यक्रम को आगे बढाया। पोषण माह से जुडी प्रारंभिक चीजों के बारे में विस्तार से बताया और पोषण के मामले में जिले की स्थिति पर डाटा भी शेयर किया। पावर प्वाइंट के जरिये बताया कि पोषण के मामले में बच्चों के जीवन के प्रथम हजार दिन बहुत मायने रखते हैं। इस समय जैसा बच्चे के खानपान पर ध्यान देंगे, आगे वैसा ही बच्चे का स्वास्थ्य होगा। उन्होंने इस दौरान पोषण के लक्ष्य को भी रेखांकित किया। इसमें दर्शाया कि पोषण माह का लक्ष्य 0-6 माह के बच्चों में बौनापन और शारीरिक दुर्बलता दूर करना, बच्चों और किशोरियों में एनीमिया की बीमारी दूर करना आदि है। विभागीय समन्वय और क्षमता संवर्धन के जरिये पोषण का लक्ष्य हासिल करने की बात बताई। मौके पर एडीएम जीतेन्द्र प्रसाद साह, डीपीओ माला कुमारी, डीटीएल सुमित कुमार, जिले की एलएस, सीडीपीओ तथा नवनियुक्त सेविकाएं मौजूद थीं