Mon. Apr 12th, 2021

Real4news

Latest and Breaking News in Hindi, हिन्दी समाचार, न्यूज़ इन हिंदी – Real4news.com

टीबी को हराने के लिए समेकित प्रयास की जरूरत: डॉ. एसएस झा

1 min read

सीफार के सहयोग से मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
 टी बी मरीज को बेहतर पोषण के लिए दी जाती है सहायता राशि
  2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य

मधुबनी: विश्व यक्ष्मा दिवस पर जिले में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया । सदर अस्पताल में सुबह एएनएम छात्राओं द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। प्रभातफेरी शहर के विभिन्न चौराहों से होते हुए सदर अस्पताल पहुंची जहां सभा में तब्दील हो गयी | सभा में सीडीओ डॉ आरके सिंह के द्वारा टीबी उन्मूलन एवं जागरूकता विषय पर विस्तार से बताया गया । उसके बाद सदर अस्पताल सभागार में एवं छात्राओं के बीच क्विज प्रतियोगिता हुई जिसमें प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत किया गया। दोपहर 12:00 बजे सदर अस्पताल सभागार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफार) के सहयोग से मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। मीडिया कार्यशाला के दौरान एसीएमओ डॉ एसएस झा ने कहा कि टीबी एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। यह किसी को भी हो सकता है। शुरुआत में इसके लक्षण भी सामान्य से ही दिखते हैं पर दो हफ्ते ही खांसी या बुखार हो तो तुरंत ही टीबी की जांच कराएं। उन्होंने बताया टीबी संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद किसी रोगी को घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि, लक्षण दिखते ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करानी चाहिए। क्योंकिं यह एक सामान्य सी बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। उन्होंने बताया मरीज को पूरे कोर्स की दवा करनी चाहिए। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया टीबी हारेगा देश जीतेगा के थीम पर जिले में समेकित प्रयास से टीबी उन्मूलन के लिए कार्य किया जा रहा है।

इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए दी जाती है सहायता राशि: डॉ आर. के. सिंह

सीडीओ डॉ.आरके सिंह ने कहा टीबी के मरीजों को इलाज के लिए खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार के द्वारा टीबी इलाज को सहायता राशि दी जाती है। चिह्नित टीबी के मरीजों को उपचार के दौरान उनके बेहतर पोषण के लिए प्रति माह 500 रुपये की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में भेजी जाती है। उन्होंने बताया एसटीएस तथा एसटीएलएस को कोविड-19 के कार्य में लगा दिया गया था अब उन्हें कोविड कार्य से मुक्त कर दिया गया है।

2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य:

केयर डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है। जिसके लिए जमीनी स्तर (ग्रास रूट) पर कार्य करने की आवश्यकता है। वहीं लोगों को भी समेकित रूप से जागरूकता हेतु प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया केयर की टीम प्रखंड में समुदाय स्तर तक कार्य कर रही है और ज्यादा से ज्यादा रोगियों की खोज और उपचार हमारा संपूर्ण लक्ष्य है। जिससे टीबी पर विजय पाई जा सके।

नियमित रूप से लें दवा:

सीडीओ डॉ आरके सिंह ने कहा कि टीबी पूर्ण रूप से ठीक होने वाली बीमारी है,बशर्ते वह नियमित रुप से दवा का सेवन करें । टीबी के रोगियों को नि:शुल्क दवा का वितरण सरकारी अस्पतालों के द्वारा किया जाता है। प्रत्येक प्रखंड में स्पुटम जांच की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया वर्ष 2019 में यक्ष्मा के जिले में 2346 मरीज को चिह्नित किया गया जिसमें सरकारी संस्थानों से में 2304 तथा प्राइवेट संस्थानों से 42 मरीजों को चिह्नित किया गया जिसमें 2296 मरीजों को डी बी टी के माध्यम से निश्चय पोषण राशि दी गई। वर्ष 2020 में कुल 2375 मरीजों को चिह्नित किया गया है जिसमें सरकारी संस्थानों से 1443, प्राइवेट संस्थानों से 932, जिसमें डीबीटी के माध्यम से 2683 मरीजों को राशि दी गई| वर्ष 2021 में अब तक 977 मरीज को चिह्नित किया गया है जिसमें 371 मरीज सरकारी संस्थानों से तथा 606 मरीज प्राइवेट संस्थानों से चिह्नित किया गया है| इसमें 1022 मरीज को डीवीडी के माध्यम से राशि खाते में ट्रांसफर की गई है। कार्यक्रम के दौरान जीत संस्था के द्वारा चैंपियन सर्टिफिकेट वितरण किया गया है।

मौके पर एसीएमओ डॉ. एसएस झा, सीडीओ डॉ. आरके सिंह, केयर डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार,अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद,अनिल कुमार, वर्ल्ड विजन इंडिया के संजय चौहान, तन्मय सिन्हा, डीएफआइटी के प्रदीप कुमार, डीपीसी पंकज कुमार सहित सभी एस टीएस, एसटीएसएलएस अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

रिपोर्ट : अमित कुमार