नालंदा : प्रवासियों की संख्या बढ़ने से व्यवस्था हुई कमजोर.. दूसरे माध्यमों से पहुंचे लोग बढ़ा रहे प्रशासन की परेशानी
1 min readनालंदा (बिहार) : हरनौत एक दिन में ही निजी तौर पर वाहन रिजर्व कर हरनौत पहुंचे करीब अस्सी प्रवासी मजदूर व उनके परिवार से बढ़ी भीड़ ने व्यवस्थागत प्रबंधन को उधेड़ कर रख दिया। ट्रेन, बस आदि से निबंधित मजदूरों के पहुंचने की सूचना पहले मिल जाती है। पर, ट्रक आदि मालढोबा वाहनों में छुपकर आने वाले लोग परेशानी बढ़ा देते हैं। हालांकि पहले से क्वारंटीन सेंटर चिन्हित किये जा चुके हैं। पर संबंधित अफसरों की लापरवाही से कुव्यवस्था के कारण मामूली चूक संक्रमण का खतरा बढ़ा सकती है। कुछ ऐसा ही नेहुसा गांव में प्लस टू स्कूल में बने क्वारंटीन सेंटर पर देखने को मिला।
सोमवार की सुबह एक ट्रक के माध्यम से 37 प्रवासी मजदूर अपने परिवार सहित दिल्ली से हरनौत स्टेशन पहुंच गये। सूचना के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करके पॉलिटेक्निक कॉलेज में क्वारंटीन किया। इससे वहां बेड फुल हो गये।
इस बीच निबंधित मजदूरों के आने पर नेहुसा पंचायत सरकार भवन भी भर गया। देर शाम एक ट्रक में सवार 23 मजदूर धोबा पुल पर उतरवाये गये। वे अपने गांव चले जाते। इसी बीच बीडीओ रवि कुमार व मुखिया हेमलता सिन्हा सूचना मिलने पर सभी को थर्मल स्क्रीनिंग करवा के नेहुसा प्लस टू स्कूल भेजा गया। उसे बहुत पहले क्वारंटीन सेंटर के रुप में चिन्हित किया गया था। पर, वहां कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। इसकी सूचना पर देर रात वहां बीडीओ, जीपीएस, मुखिया घनश्याम सिंह, सरपंच अरुण कुमार पहुंचे और मौके को काबू में किया।
मध्य रात्रि के बाद पचौरा के 13, बराह, बिरजुमिल्की, आमर व बसनियावां के एक-एक कुल 17 लोग आ गये। सभी को बाहर बरामदे में ही ठहरना पड़ा।
स्थिति तब बिगड़ी जब सुबह हुई। सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि स्कूल परिसर में पानी टंकी लगी है। पर, उससे एक भी नल नहीं लगा है। शौचालय भी है। पर, एक चापाकल के भरोसे पानी का सारा इंतजाम मुश्किल था। इस घड़ी में कुछ लोगों ने पंचायत सरकार भवन के शौचालय का उपयोग किया। शेष खूले में शौच को मजबूर थे। जब स्थानीय ग्रामीणों की नजर इस पर पड़ी तो वे आक्रोश में हैं।
हालांकि इस दौरान संबंधित कर्मी बीच-बचाव में लगे हैं और व्यवस्था जल्द दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
बीडीओ रवि कुमार ने कहा कि अचानक बड़ी संख्या में प्रवासियों के पहुंचने से लक्ष्य के अनुरुप संसाधन उपलब्ध नहीं हो सके। तत्काल सभी सेंटरों के नोडल को सेंटर पर सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी है।
रिपोर्ट : गौरी शंकर प्रसाद