स्कूलों में प्रार्थना और छुट्टी के वक़्त दस मिनट चमकी के बारे में बताए: प्रधान सचिव
1 min readएईएस प्रभावित गांव का किया दौरा
-एस के एमसीएच और पीएचसी पर व्यवस्थाओं से दिखे संतुष्ट
-सिविल सर्जन को औचक निरीक्षण के आदेश
-14 लाख अतिरिक्त ओआरएस पैकेट की जिलाधिकारी ने की मांग
-एईएस प्रभावित 12 जिलों के जिलाधिकारियों से की समीक्षा
मुजफ्फरपुर: प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में 12 एईएस अतिप्रभावित जिले के जिलाधिकारियों के साथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की गई। उक्त बैठक मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई जिसमें मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों के द्वारा एईएस/चमकी बुखार को लेकर अभी तक की जा रही तैयारियों और आगे की कार्य योजना को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई और चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर प्रधान सचिव के द्वारा महत्वपूर्ण निर्देश सभी जिले के जिलाधिकारियों को दिए गए।
राज्य के 12 एईएस अति प्रभावित जिले जिसमें मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, दरभंगा,सारण, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और पटना जिलों की समीक्षा की गई।
मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी प्रणव कुमार द्वारा प्रधान सचिव का स्वागत किया गया एवं एईएस/चमकी बुखार को लेकर अभी तक किए गए कार्यों के बारे में बिंदुवार विस्तृत जानकारी प्रधान सचिव को दी गई।जिलाधिकारी द्वारा विशेष रूप से एडॉप्ट-अ-विलेज कार्यक्रम के तहत गोद लिए हुए ग्राम पंचायतों में प्रत्येक शनिवार को पदाधिकारियों द्वारा विजिट करना से सम्वन्धित कार्यक्रम,(27 मार्च को सभी पदाधिकारी सम्बन्धित पंचायतो का विजिट करेंगे) लगभग पांच लाख परिवारों के मोबाइल नंबर पर फोन कॉल के माध्यम से जागरूकता(अगले माह), कुल 1408 वाहनों की टैगिंग,स्कूलों में चेतना सत्र में क्या करें क्या नहीं करें को लेकर बच्चों को दी जाने वाली जानकारी, एंबुलेंस की उपलब्धता, दवाओं की उपलब्धता ,सभी स्तर पर सुदृढ़ प्रशिक्षण दीया जाना ,बैनर ,पोस्टर,पम्पलेट, होर्डिंग्स,फ्लेक्स ,नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रचार-प्रसार इत्यादि बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई।
जिलाधिकारी ने प्रधान सचिव को बताया कि आईसीडीएस के तहत पोषाहार वितरण से संबंधित आवंटन की 100% उपलब्धता नहीं है। साथ ही बताया गया कि 14 लाख अतरिक्त ओआरएस का शैषे का डिमांड किया गया है। प्रधान सचिव द्वारा इस दिशा में अग्रेतर कार्रवाई करने की बात कही गई।
प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बढ़ते हुए तापमान के मद्देनजर संभावित एईएस रूपी आपदा की चुनौतियों का सामना पूरे आत्मविश्वास से करना सुनिश्चित किया जाए। सभी संबंधित जिला एलर्ट मोड में कार्य करें। उन्होंने निर्देश दिया की सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी अपने-अपने केंद्रों पर उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित हो।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों का समय समय पर औचक निरीक्षण करना सुनिश्चित किया जाये।
निर्देश दिया गया कि सभी 12 जिलों के सभी स्कूलों में क्या करें क्या नहीं करें को लेकर बच्चों को दिन में कम से कम दो बार यह बात अनिवार्य रूप से बताई जाय।
इसके पूर्व प्रधान सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य 3 टीमों के द्वारा जिले के मीनापुर, कांटी और मुरौल प्रखंडों का विजिट भी किया गया जहां एईएस को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया गया। जिले में एईएस/चमकी बुखार को लेकर हर स्तर पर की जा रही तैयारियों से प्रधान सचिव संतुष्ट दिखे। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में भी इस संबंध में बैठक की जाएगी।
कोरोना संक्रमण के नए ट्रेंड को देखते हुए प्रधान सचिव ने जिले वासियों से अपील की है कि कोरोना सेफ्टी प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन किया जाए। सभी लोग मास्क का उपयोग करें। सैनिटाइजर का प्रयोग करें और दो गज की दूरी को मेंटेन करें।
बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार,जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार, विशेष सचिव स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर कौशल किशोर ,डॉक्टर अंजनी कुमार सिंह, डॉ सुब्रमण्यम यूनिसेफ के कार्यकम प्रबंधक शिवेन्द्र पांडे, डॉक्टर सिद्धार्थ रेड्डी, निर्भय नाथ मिश्र, डॉक्टर हसन के साथ डॉ हेमंत उपस्थित थे ।वहीं सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण ,यूनिसेफ डब्ल्यूएचओ और केयर के जिला स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित थे।
रिपोर्ट : अमित कुमार