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एम्स, पटना के संस्थान समिति के सदस्य के रूप में किया गया डॉ. सूर्यकांत का चयन

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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं डॉ. सूर्यकांत
– एम्स, पटना के निदेशक व केजीएमयू के कुलपति ने दिया बधाई
– विभिन्न पुस्तकों का किया है लेखन

पटना : स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(All India Institute of Medical Sciences) (एम्स)(AIIMS), पटना(Patna) के संस्थान समिति के सदस्य के रूप में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय( King George University of Medicine) के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का चयन किया गया है. चयन सूचना के लिए सन्देशित पत्र प्रकाशित करते हुए एम्स, पटना के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने उन्हें अपने व सभी सभी एम्स कार्यकर्ताओं की ओर से बधाई दी है और एम्स, पटना को आने वाले समय में सुचारू रूप से चलने में सहयोग की अपेक्षा भी की है.

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं डॉ. सूर्यकांत :
डॉ. सूर्यकांत किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष हैं. इसके अलावा डॉ. सूर्यकांत वर्तमान में इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा(Asthma) एवं एप्लाइड इम्यूनोलॉजी(Applied Immunology ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. इसके पूर्व में डॉ. सूर्यकांत रेस्पाइरेटरी मेडिसिन (Respiratory Medicine)से सम्बंधित दो राष्ट्रीय संस्थाओं इंडियन चेस्ट सोसाइटी ( Indian Chest Society )तथा नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन(इंडिया)( Indian Chest Society and National College of Chest Physician) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. एम्स, पटना के संस्थान समिति के सदस्य नामित होने पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू)( King George Medical University (KGMU) के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) विपिन पूरी ने भी उन्हें बधाई दी है और इसे केजीएमयू के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है.

विभिन्न पुस्तकों का किया है लेखन :
डॉ. सूर्यकांत प्रोफेसर होने के साथ ही विभिन्न चिकित्सकीय पुस्तकों का भी लेखन किया है. उनके द्वारा अब तक 16 से अधिक पुस्तकें लिखी गई है जो अपने आप में बहुत विशेष महत्व रखती है. डॉ. सूर्यकांत के नाम से 2 यूएस पेटेंट्स भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा अब तक उन्हें 100 से भी अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

डॉ. सूर्यकांत के एम्स,(AIIMS) पटना संस्थान में कार्यरत होने से यहां के छात्रों के साथ ही अन्य सभी चिकित्सा कर्मियों व इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बहुत ही लाभ मिल सकेगा.

रिपोर्ट : अमित कुमार