टीबी चैंपियन के क्षमता वर्धन पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
1 min read• सिविल सर्जन ने दीप प्रज्जवलित कर किया उद्घाटन
• टीबी(TB) चैंपियन ने लिया हिस्सा
वैशाली : वैशाली जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए टीबी चैंपियन के क्षमता वर्धन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में सोमवार को कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने दीप जलाकर किया। कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेवर रंजन ने कहा कि टीबी( TB) चैंपियन वह हैं जो ससमय यक्ष्मा यानी टीबी के लक्षणों के मरीजों को खोज उन्हें उचित सलाह देते हैं। साथ ही जो टीबी का पूरा कोर्स करने के बाद पूर्णत: स्वस्थ्य हो चुके होते हैं। वहीं मुख्य अतिथि के रुप में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज्ञान शंकर ने कहा कि टीबी चैंपियन को टीबी मरीजों को खोजने की जो जिम्मेवारी मिली है वह महत्वपूर्ण है। टीबी के विजेताओं को टीबी के लक्षण के बारे में पूर्णत: पता है. अत: वह इनके मरीजों को आसानी से ढूंढ भी पाएगें। कार्यशाला में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ शिव कुमार रावत ने कहा कि टीबी लाइलाज रोग नहीं है। इस बीमारी की पहचान होने के पश्चात संपूर्ण इलाज कर स्वस्थ्य हुआ जा सकता है और अपने आस-पास भी लोगों की देखभाल की जा सकती है। जिले में अब टीबी के गंभीर रोगों के मरीजों के लिए बेडाक्वीलीन नाम की दवा भी आ गयी है। यह बहुत मंहगी दवा है जिसे सिर्फ सरकारी अस्पतालों द्वारा दी जाती है।
टीबी चैंपियन बनेगें खोजी दल
डॉ शिव कुमार रावत ने कहा कि टीबी चैंपियन खोजी दल के रुप में एवं बलगम नमूना संग्रह कर अपने अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा सकते हैं. टीबी चैंपियन खोजी दल को टीबी रोगी की पहचान होने के बाद 500 रुपये , प्रति बलगम पच्चीस रुपये, टीबी रोगियों के संपूर्ण इलाज तक देखभाल कर कार्ड भरने एवं रोगी ठीक हो जाने के बाद 1000 रूपये एवं गंभीर टीबी मरीजों के कोर्स पूरा होने के बाद 5000 रुपया मिलते है। देश को टीबी मुक्त करने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा गया है।
वैशाली जिला मुक्त वाहिनी का किया गया गठन
जिला मुक्त वाहिनी के स्टेट को-ओर्डिनेटर सुधेश्वर ने कहा कि टीबी चैंपियन के इस कार्यशाला के साथ ही वैशाली जिले के लिए भी जिला मुक्त वाहिनी का गठन किया गया है, जिससे टीबी चैंपियन जिला यक्ष्मा केंद्र के साथ मिलकर टीबी मुक्त वैशाली के बैनर के साथ टीबी उन्मूलन की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाएगें। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन, एसीएमओ डॉ इंद्रदेव रंजन, एसीएमओ डॉ ज्ञानशंकर, डॉ एबी पटेल और टीबी मुक्त वाहिनी के राज्य समन्वयक सुधेश्वर के साथ टीबी चैंपियन मौजूद थे।
कोरोना के संक्रमण काल मे लोग कोविड किन उचित व्यवहारों का पालन करें
• एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
• सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
• अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
• आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
• छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।
रिपोर्ट : अमित कुमार